महाकाल भैरव मंत्र: नकारात्मकता और शत्रुओं से मुक्ति का शक्तिशाली साधन

By Tantra Mantra Vidya

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महाकाल भैरव मंत्र

महाकाल भैरव मंत्र: नकारात्मकता और शत्रुओं से मुक्ति का शक्तिशाली साधन बहुत प्रभावशाली है। इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।महाकाल भैरव मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान महाकाल भैरव को समर्पित है। यह मंत्र नकारात्मकता और शत्रुओं को दूर करने के लिए जाना जाता है। आइए इस मंत्र के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझें।

महाकाल भैरव का मंत्र है, ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः भैरव, भगवान शिव का ही स्वरूप हैं. भगवान शिव के क्रोधित होने पर कालभैरव की उत्पत्ति हुई थी.

भैरव से जुड़े कुछ और मंत्र: ॐ काल भैरवाय नमः, ॐ श्री भैरवाय नमः, ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्.

भैरव की पूजा करने के फ़ायदे:

  • भैरव भूत-प्रेत, काले जादू के प्रभाव को दूर करने में मदद करते हैं.
  • तंत्र-मंत्र की नकारात्मक शक्तियों से बचाते हैं.
  • सकारात्मक शक्तियों को बनाए रखते हैं.
  • रविवार के दिन भैरव बाबा के मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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महाकाल भैरव मंत्र

महाकाल भैरव मंत्र का स्वरूप

मंत्र इस प्रकार है:

ॐ अस्य श्री महाकाल भैरव मंत्रस्य विराट छंदः; श्री महाकाल देवता हूं बीजं ह्रीं शक्तिः; स्वाहा कीलकं श्री महाकाल भैरव प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः॥

इसका अर्थ है कि हम महाकाल भैरव को आह्वान कर रहे हैं, जहां “हूं” और “ह्रीं” बीज और शक्ति के रूप में उपयोग किए गए हैं। “स्वाहा” का अर्थ है अर्पण, और “विनियोगः” का अर्थ है कि हम इस मंत्र का जाप महाकाल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कर रहे हैं।

ध्यान

मंत्र जाप से पहले ध्यान करना चाहिए, जिससे मन और आत्मा महाकाल भैरव की दिव्य ऊर्जा से जुड़ जाए। ध्यान में उन्हें कुछ इस प्रकार देखा जाता है:

कोटि-कालानल-भासं चतुर्भुजं त्रिलोचनम्।
श्मशानालङ्क-मध्यस्थं मुंडमालं विभूषितम्॥
पंच-प्रेत-रथारूढं त्रिशूलं डमरुं तथा।
खड्गं च कर्परं चैव वाम दक्षिण योगतः॥
विभ्रतं सुंदरं देवं श्मशान-भस्म भूषितम्।
नानाश्वभि क्रीडमानं कालिका-हृदय-स्थितम्॥
लालच्यन्तं रतासक्तं घोर-चुम्बन तत्परम्।
गृध्र-गौमायु संयुक्तं फेदी-गण-संयुतम्॥
जटाजूट शौभाद्यं सर्व शून्यालय-स्थितम्।
सर्व शून्यं मुंड-भूषं प्रसन्न-वदनं शिवम्॥

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महाकाल भैरव मंत्र

मुख्य मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नमो भगवते महाकाल भैरवाय कालान्तक-तेजसे अमुकं (शत्रु का नाम) मे शत्रुं मारय मारय पोषय पोषय हूं फट् स्वाहा॥

प्रतिदिन एक हजार की संख्या में जप करने से २६ दिन में शत्रु का नाश होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को नकारात्मकता और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक सुरक्षा प्राप्त होती है।

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महाकाल भैरव बीज मंत्र क्या है?

महाकाल भैरव का बीज मंत्र है, ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जा सकता है.

भगवान भैरव के कुछ और मंत्र:

  • ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय. कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा.
  • ॐ काल भैरवाय नमः

भगवान भैरव के बारे में कुछ और बातें:

भगवान भैरव, भगवान शिव का ही स्वरूप हैं. 

  • भगवान शिव के क्रोधित होने पर काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. 
  • भैरव भूत-प्रेत, काले जादू के प्रभाव को दूर करने में सहयोग करता है. 
  • तंत्र-मंत्र की नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति को बचा कर रखता है. 
  • सकारात्मक शक्तियों की शुभता बनाए रखता है. 
  • रविवार के दिन भैरव बाबा के कुछ मंत्रों का उच्चारण करना शुभ होता है. 
  • इससे व्यक्ति की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है. 

महाकाल का प्रिय मंत्र कौन सा है?

लंबी आयु की होगी प्राप्ति महाकाल का का महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || इसको बेहद प्रभावशाली माना जाता है।

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काल भैरव का मूल मंत्र क्या है?

1. ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं। 2. ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं।

महाकाल का बीज मंत्र क्या है?

#ॐ नमः शिवाय! -इस मंत्र का जाप रोजाना १०८ बार करने से व्यक्ति का मन, दिमाग शांत रहता है. इस मंत्र के जाप से महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. #ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः : इस मंत्र को रुद्र मंत्र भी कहा जाता है.

महाकाल कवच का मंत्र क्या है?

महाकाल कवच का मंत्र रुद्राक्ष की परिभाषा के बाद आध्यात्मिक अभ्यास में इसका महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह मंत्र व्यक्ति को भगवान शिव के साथ आध्यात्मिक संबंध में जोड़ने के लिए अच्छा होता है। ऊं हौं जूं सः। ऊँ भूः भुवः स्वः ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

महादेव को बुलाने का मंत्र क्या है?

महादेव को बुलाने के लिए कई मंत्र हैं: 

  • ॐ नमः शिवाय
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
  • ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय
  • ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
  • ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
  • नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
  • मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
  • शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
  • अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्

शिवलिंग की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप किया जा सकता है. मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से भगवान शिव की कृपा मिलती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से बड़ी से बड़ी समस्या दूर हो जाती है और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है.

महाकाल के लिए कौन से शुभ मंत्र हैं?

ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः,

  • ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌। …
  • ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ’ ॐ शिवाय नम: …
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।। कर-चरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
  • श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम, …
  • ॐ नमः शिवाय …
  • जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः

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